जिंदगी की राह में क्या रुकावट है, शांति कहाँ?
पहले तो सोचना ही थोड़ा असंभव है. मन एक भीतर का घेरा चला रहा है. हर पल कुछ नया, कुछ अनजान.. विचारों की एक मौत हो रही है. एक तो नींद कहाँ? अरे वो �
पहले तो सोचना ही थोड़ा असंभव है. मन एक भीतर का घेरा चला रहा है. हर पल कुछ नया, कुछ अनजान.. विचारों की एक मौत हो रही है. एक तो नींद कहाँ? अरे वो �